देवी महागौरी: नवरात्रि के आठवें दिन की देवी और उनकी आरती का महत्त्व
नवरात्रि के आठवें दिन माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप देवी महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी को शांति, पवित्रता, और करुणा का प्रतीक माना जाता है।
मान्यता है कि उनकी पूजा से जीवन में सकारात्मकता और पवित्रता का संचार होता है। माँ महागौरी अपने भक्तों को असीम सुख और शांति का आशीर्वाद देती हैं।
देवी महागौरी को ‘महामाया’ और ‘जगत की माया’ भी कहा जाता है। देवी का यह रूप पार्वती का शुद्ध रूप है, जो कठिन तपस्या के बाद प्राप्त हुआ।
हर शनिवार को माँ की पूजा का विशेष महत्व है और यह माना जाता है कि उनकी आराधना से भक्तों के सभी बिगड़े काम बनते हैं और शांति का वास होता है।
देवी महागौरी की आरती का महत्त्व
देवी महागौरी की आरती में उनकी शांति, पवित्रता, और शक्ति का वर्णन किया गया है। उनकी आरती में छिपे मंत्र और भजन हमें उनके प्रति समर्पण और श्रद्धा से जोड़ते हैं।
यह आरती जीवन में शांति और आत्मिक संतोष का अनुभव कराती है। जो भक्त सच्चे मन से इस आरती का पाठ करते हैं, उन्हें देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
॥ आरती देवी महागौरी जी की ॥
- जय महागौरी जगत की माया। जय उमा भवानी जय महामाया॥
- हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरा वहा निवास॥
- चन्द्रकली और ममता अम्बे। जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे॥
- भीमा देवी विमला माता। कौशिक देवी जग विख्यता॥
- हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
- सती (सत) हवन कुंड में था जलाया। उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
- बना धर्म सिंह जो सवारी में आया। तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
- तभी माँ ने महागौरी नाम पाया। शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
- शनिवार को तेरी पूजा जो करता। माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
- भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो। महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥
॥ Aarti Devi Mahagauri Ji Ki ॥
- Jai Mahagauri Jagata Ki Maya। Jai Uma Bhavani Jai Mahamaya॥
- Haridwara Kanakhala Ke Pasa। Mahagauri Tera Vaha Nivasa॥
- Chandrakali Aura Mamata Ambe। Jai Shakti Jai Jai Maa Jagadambe॥
- Bhima Devi Vimala Mata। Kaushika Devi Jaga Vikhyata॥
- Himachala Ke Ghara Gauri Rupa Tera। Mahakali Durga Hai Svarupa Tera॥
- Sati (Sata) Havana Kunda Mein Tha Jalaya। Usi Dhuen Ne Rupa Kali Banaya॥
- Bana Dharma Sinha Jo Savari Mein Aya। To Shankara Ne Trishula Apana Dikhaya॥
- Tabhi Maa Ne Mahagauri Nama Paya। Sharana Anevale Ka Sankata Mitaya॥
- Shaniwara Ko Teri Puja Jo Karata। Maa Bigada Hua Kama Usaka Sudharata॥
- Bhakta Bolo To Socha Tuma Kya Rahe Ho। Mahagauri Maa Teri Haradama Hi Jai Ho॥
देवी महागौरी की आरती जीवन में शांति और संतोष का प्रतीक है। उनकी पूजा से भक्तों के जीवन में दुख और चिंताओं का अंत होता है। कहा जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा करते हैं, उन्हें देवी का साक्षात आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अन्य आरती :
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देवी महागौरी का स्वरूप अत्यंत सौम्य और उज्ज्वल है। वह अपने शुद्ध और उज्ज्वल स्वरूप में शक्ति, साहस, और करुणा का प्रतीक हैं। माना जाता है कि उनकी उपासना से साधक को आत्मा की शुद्धि, मानसिक शांति, और साधना में सफलता मिलती है।
उनकी पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायक मानी जाती है जो जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे होते हैं, क्योंकि माँ महागौरी हर संकट को दूर करने की क्षमता रखती हैं।
देवी महागौरी की पूजा से प्राप्त होने वाले लाभ
माँ महागौरी की पूजा से भक्तों को पवित्रता, मन की शांति और जीवन में संतोष का अनुभव होता है।
यह माना गया है कि हर शनिवार माँ की आराधना करने से भक्तों के जीवन में सफलता और खुशहाली का आगमन होता है।
माँ का आशीर्वाद जीवन को सुखमय बनाता है और भक्तों को विपत्तियों से मुक्त करता है।