नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित, जानिए मां का स्वरूप, महत्व, पूजाविधि और मंत्र

नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित, जानिए मां का स्वरूप, महत्व, पूजाविधि और मंत्र

तृतीया के दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जो शौर्य और साहस की देवी हैं।

माँ चंद्रघंटा का रूप शांत, लेकिन युद्ध के समय आक्रामक होता है।

उनकी पूजा से साहस, शौर्य और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

उनकी पूजा से साहस, शौर्य और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

आज का रंग सुनहरा है, जो शक्ति और तेज का प्रतीक है।

माँ चंद्रघंटा का मंत्र है: ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः

माँ चंद्रघंटा का मंत्र है: ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः

माँ की पूजा में सोने के आभूषण और पीले फूल अर्पित किए जाते हैं।

माँ चंद्रघंटा की आराधना से जीवन में विपरीत परिस्थितियों में साहस मिलता है।

माँ को दूध और दूध से बने पदार्थों का भोग लगाया जाता है।

माँ के आशीर्वाद से जीवन में शौर्य और आत्मबल की प्राप्ति होती है।