दशहरा: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व

दशहरा: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व

दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण और पावन त्योहारों में से एक है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और इसे असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। दशहरे का पर्व भगवान राम की रावण पर विजय और मां दुर्गा की महिषासुर पर विजय की याद में मनाया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि दशहरे का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है और इसे कैसे मनाया जाता है।


दशहरे का धार्मिक महत्व

दशहरा का पर्व विशेष रूप से भगवान राम की रावण पर विजय का स्मरण कराता है। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की और दसवें दिन रावण का वध किया। इसलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता है, जो दसवें दिन की विजय का प्रतीक है। इस दिन का महत्व केवल भगवान राम की कथा तक ही सीमित नहीं है; देवी दुर्गा ने महिषासुर पर भी इसी दिन विजय प्राप्त की थी, जिसे नवरात्रि के नौ दिनों के उपरांत मनाया जाता है।

दशहरे की सांस्कृतिक विशेषताएँ

दशहरा का पर्व पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न स्थानों पर रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें भगवान राम के जीवन का प्रदर्शन किया जाता है। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन होता है, जो बुराई के अंत का प्रतीक है। यह पर्व हमारे समाज में अच्छाई, सत्य और धर्म की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देता है और हमें जीवन में सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

दशहरे से मिलने वाली सीख

दशहरा हमें यह सिखाता है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में सत्य की ही विजय होती है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि हमें सदैव धर्म और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। भगवान राम की तरह धैर्य, साहस और अनुशासन के साथ हमें अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना करना चाहिए और हर तरह की बुराई का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

दशहरे का आधुनिक संदर्भ

आज के समय में दशहरे का महत्व और भी बढ़ गया है, जब हम समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार, अन्याय और बुराई को देख रहे हैं। इस पर्व के माध्यम से हम अपने भीतर और समाज में व्याप्त नकारात्मकता को समाप्त करने का संकल्प लेते हैं। दशहरा हमें अपनी आंतरिक कमजोरियों को दूर करने और अपने भीतर के रावण का नाश करने की प्रेरणा देता है।

एक बार जरुर पढ़ें:


निष्कर्ष

दशहरा न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह अच्छाई, सत्य और धर्म का प्रतीक भी है। यह पर्व हमें जीवन में सच्चाई के मार्ग पर चलने और बुराई के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देता है। यह हमें याद दिलाता है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अंत में जीत सत्य और अच्छाई की ही होती है। दशहरे का पर्व मनाकर हम अपने भीतर अच्छाई और शक्ति को जागृत कर सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मकता का संचार कर सकते हैं।


Desidiya Warm White Diya/Diwali Light Curtain के साथ इस दशहरे और दिवाली पर अपने घर को आकर्षक और पारंपरिक रोशनी से सजाएं। 2.5 मीटर लंबी यह LED स्ट्रिंग लाइट, 12 सुंदर झूमते दीयों के साथ आती है और इसमें 8 फ्लैशिंग मोड्स हैं। यह सजावट आपके घर को एक अद्भुत और उत्सवपूर्ण माहौल प्रदान करेगी। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

decorative lights

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Top