चतुर्थी के दिन माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है, जो सृजन की देवी मानी जाती हैं।

माँ कूष्मांडा ने सृष्टि की रचना अपने मधुर मुस्कान से की थी।

उनकी पूजा से सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

उनकी पूजा से सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

आज का रंग हरा है, जो विकास और समृद्धि का प्रतीक है।

माँ कूष्मांडा का मंत्र है: ॐ देवी कूष्मांडायै नमः

माँ कूष्मांडा का मंत्र है: ॐ देवी कूष्मांडायै नमः

माँ की पूजा में हरे वस्त्र और हरे फल अर्पित किए जाते हैं।

माँ की आराधना से मानसिक और शारीरिक बल मिलता है।

माँ कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है।

माँ से आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को सुख और समृद्धि से भरें।